सेंसेक्स क्या होता है? रोजाना newspaper मे और टीवी पर अक्सर सुनते रह्ते है आज Sensex में इतनी उछाल आई है या सेंसेक्स इतना गिरा है। लेकिन बहुत से लोगो को इसके बारे मे नही पता होता है कि आखिर सेंसेक्स क्या है ये क्यों बड़ता घटता रह्ता है, इसका ह्मारी जिंदगी पर क्या असर पड़ता है।
तो, दोस्तो मै आपको आज इस पोस्ट मे सेंसेक्स क्या होता है? What is Sensex in hindi, Sensex kaise kaam karta hai, इसके बारे मे आपको एक detail मे पूरी जानकारी देने जा रही हूँ। अगर आप सेंसेक्स को समझना चाहते है और जानना चाहते है कि सेंसेक्स कैसे काम करता है तो आप इस पोस्ट को अच्छे से लास्ट तक पढ़ें।
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Sensex 2 शब्दों के जोड़ से मिलकर बना हुआ है sensitive और index sensitive से sens और index का ex लेकर बना हुआ है। Sensex, शेयर मार्किट की स्थिति को दर्शाने का एक सूचकांक है।
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंजहै। इसे BSE sensitive index या BSE- sensex भी कह्ते है।
सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट index है जिसकी शुरुआत 1986 मे हुई थी। सेंसेक्स का सबसे महत्वपूर्ण काम है स्टॉक मार्केट listed सभी कम्पनियो के शेयर्स के भाव को देखना और दिन भर के काम के बाद ह्मे एक औसत value देना जिससे ह्म जो कंपनी listed है उनके भाव मे उतार और बड़ाव, तेजी मंदी का असानी से examine कर सके।
BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है इसमे भारत की 30 कंपनियों को listed किया जाता है ये 30 कंपनियां मार्केट capatalisation के आधार पर बहुत बड़ी होती है लगभग भारत के GDP का 37% के बराबर होती है।
इन सभी बड़ी कम्पनियो के share की value को calculate करने का जो index बनाया जाता है उसी को ही sensex कह्ते है इससे shares की घटती बड़ती कीमतों पर नज़र रखी जाती है।
अभी मैंने आपको बताया कि Sensex होता क्या है अब आपको बताती हू कि Sensex यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का index कैसे बनाया जाता है और बनाने के लिये किन किन चीजों पर ध्यान दिया जाता है।
सेंसेक्स BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक हिस्सा है जिसमें 30 listed कम्पनिया है उनके shares के value मे रोजाना की होने वाली तेजी और मंदी को listed करता है जबकि BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे कुल 6000 से भी ज्यादा कंपनियां है। जब सेंसेक्स को calculate किया जाता है तो भारत की केवल 30 बड़ी कंपनियों के ही shares को शामिल किया जाता है।
इन 30 कंपनियों को ही इसलिये शामिल किया जाता है क्यूँकि ये 30 कंपनियां ऐसी होती है जिनके shares रोजाना खरीदे या बेचे जाते है। ये 30 कंपनियां का shares मार्केट कैप स्टॉक एक्सचेंज में listed shares का लगभग आधा हिस्सा होता है।
ये 30 की 30 कंपनी भारत के अलग अलग 13 सेक्टर से चुनकर आती है जो अपने सेक्टर मे बड़ी होती है वही कम्पनी इन 30 कम्पनियो मे शामिल होती है। इन 30 कम्पनियो का चुनाव स्टॉक एक्सचेंज की कमेटी द्वारा किया जाता है इस कमेटी मे कई वर्गों से आये लोग जैसे सरकार, बैंक और जानेमाने economist शामिल होते है।
1. Asian paints 2. Adani ports and special economic zone Ltd. 3. Bajaj Auto Ltd. 4. Axis Bank Ltd. 5. Cipla 6. Bharti Airtel Ltd. 7. Coal India Ltd. 8. Dr. Reddy Laboratories Ltd. 9. HDFC Ltd. 10. Hindustan Uniliver Ltd. 11. Hero Motorcorp Ltd. 12. ICICI Bank Ltd. 13. Housing Development Finance Corporation Ltd. 14. ITC 15. Infosys Ltd. 16. Kotak Mahindra Bank Ltd. 17. Larsen AndTubro Ltd. 18. Lupin 19. Maruti Suzuki India Ltd. 20. Mahindra And Mahindra Ltd. 21. NTPC Ltd. 22. Wipro Ltd. 23. Tata Steel Ltd. 24. Tata Motors 25. Tata Consultancy Service Ltd. 26. State Bank Of India 27. Sun Pharmaceutical Industries Ltd. 28. Oil And Natural gas Corporation Ltd. 29. Power Grid Corporation Of India Ltd. 30. Reliance Industries Ltd.
इन 30 कम्पनियो के चुनाव इन खास चीजों पर ध्यान रखते हुए किया जाता है
जैसे कि सेंसेक्स हमें shares की जानकारी देता है और listed 30 कम्पनियो के shares मे आयी तेजी और मंदी पर भी नजर रखता है। अगर इन listed कम्पनियो के shares की value बड़ रही है तो सेंसेक्स बड़ जाता है यानि उपर चला जाता है और यही value जब कम हो जाती है तो सेंसेक्स गिर जाता है।
अब आपके मन मे ये सवाल होगा कि इन कम्पनियो के shares की value कम या ज्यादा कैसे होती है तो ये सब पूरा का पूरा इन कम्पनियो के प्रदर्शन पर आधारित होता है। जैसे कि अगर किसी कम्पनी ने कोई नया या बड़ा प्रोजेक्ट लॉन्च किया है तो हो सकता है मार्केट मे उसके shares के दाम बड़ जाएँगे।
और यही अगर किसी कम्पनी की progress अच्छी नही चल रही है तो इसके shares मार्केट मे तजी से बेचे जाने लगते है जिससे उन shares की value कम हो जाती है और सेंसेक्स नीचे चला जाता है।
जब भी Sensex उपर होता है तो share market मे भी तेजी आती है जिससे देश मे बहुत से बाहरी निवेशक देश मे पैसा लगाने के लिये देश की तरफ आकर्शित होते है।
और जब ये विदेशी नेवशक भारत की कम्पनियो मे पैसा लगाते है तो इससे भारत के रुपय मे भी तेजी आती है। जब रुपया विदेशी मुद्राओ के मुकाबले मजबूत होता है तो चीजें सस्ती होने लगती है।
ऐसे ही जब कंपनियों का सेंसेक्स ऊपर जाता है तो निवेशक भी कंपनियों मे पैसा लगाने के लिये intrested होते है और जब इन investors यानि निवेशको से बहुत ज्यादा पैसा इकट्ठा होता है तो कम्पनी grow करती है और खुद को expand भी करने लगती है।
जब कंपनी expand करती है तो उसे नये employer की जरुरत होती है। जिससे नये लोगो को भी रोजगार मिलता है।
मैंने आपको अपने इस पोस्ट में Sensex के बारे मे बताया कि Sensex kya hota hai, Sensex kaise maapaa jata hai, Sensex से क्या फायेदे होते है।
उम्मीद है आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद सेंसेक्स को लेकर जो आपके मन मे सवाल थे उसका उत्तर तो मिल ही गया होगा, अगर इसके बाद भी आपके मन मे कोई सवाल हैं तो आप नीचे दिये गये कमेंट section मे जाकर पूछें,
पूरी कोशिश रहेगी आपके सवालों का जवाब दू। साथ ही आपको मेरा ये पोस्ट कैसा लगा इसके बारे मे भी अपनी राय कमेंट section मे जरूर दे।